Monday 15 May 2017

गोपालबाद की यादें

मेरा बचपन गोपालबाद मे गुजरा था इस लिए मेरे जेहन में गोपालबाद कई बहुत ही खूबसूरत यादे हैं। हालांकि बाद में बिहार शरीफ चला गया आगे की पढ़ाई के लिए इसी लिए बाद कि यादें उन्ही छुट्टियों की है। एक बात और मेरे पिता जी सरकारी नौकरी करते थे वो भी साउथ बिहार(अब झारखंड) के हजारीबाग जिला के गौरिया करमा फार्म में। इसलिए बचपन गोपालबाद के अलावा गौरिया करमा और नानी घर(बिंद के पास रसलपुर) में बीता था। इस लिए इन सभी जगहों की खुबसूरत यादें हैं। एक बात और सभी जगह जहां भी जाता था वहां स्कूल जरूर जाना होता था क्योंकि हर जगह सरकारी स्कूल में मेरा नाम लिखवाया हुआ था।
हर जगह की यादें अपने आप मे अनूठा और जुदा जुदा है। पर गोपालबाद की यादें की कोई तुलना नही है।

बचपन की जो यादें ताज़ा है उनमे से एक है 1981 में मेरी चचेरी दीदी की शादी की यादें। पहली जब शादी हुई थी तो उस समय बाढ़ आई हुई थी और बारात धनुषबिगहा गाँव से नाव पर आई थी। उस समय मेरी उम्र मुश्किल से 5 होगी। गोपालबाद से लोग पेट्रोमैक्स लेकर पैइन नदी के पास गए थे नाव को रास्ता दिखाने को। और आज भी ये दृश्य मेरे जेहन में कैद है लेकिन बहुत ही धूमिल है।